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जय शॠरी राम के नारे लगाते हॠठभीड़ ने ठारखंड के आदिवासी की लिंचिंग की

20 April 2019

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जय शॠरी राम के नारे लगाते हॠठभीड़ ने ठारखंड के आदिवासी की लिंचिंग की

10 अपॠरैल 2019 को, गॠमला के डॠमरी बॠलॉक के जॠरमॠगाठव के रहने वाले 50 वरॠषीय आदिवासी पॠरकाश लकड़ा को पड़ोसी जैरागि गाठव के साहू समॠदाय के लोगों की भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया. जॠरॠमू के तीन अनॠय पीड़ित - पीटर केरकेटॠटा, बेलारियस मिंज और जेनेरियस मिंज - भीड़ दॠवारा पिटाई के कारण गंभीर रूप से घायल हो गठ. ठारखंड जनाधिकार महासभा की ठक तथॠयानॠवेषण दल, जिसमें कई सामाजिक कारॠयकरॠता और सदसॠय संगठनों के पॠरतिनिधि शामिल थे, ने 14-15 अपॠरैल को इस घटना की जाठच की.

जांच दल को पता चला कि यह चार पीड़ित, अपने गाठव के अनॠय पॠरॠषों और बचॠचों के साथ, गाठव के पास बहने वाली नदी के किनारे पर ठक मृत बैल का मांस काट रहे थे. इस कॠषेतॠर के आदिवासी और अनॠय समॠदाय (जैसे घासी और लोहरा) पारंपरिक रूप से गौमांस खाते हैं. जॠरमॠगाठव के कॠछ लोगों को मृत बैल के मालिक ने उसकी मांस काटने और खाल निकालने के लिठकहा था. जब वो ठसा कर रहे थे, उनपर जैरागी गाठव के लगभग 35 - 40 लोगों की भीड़ ने हमला किया. भीड़ का नेतृतॠव संदीप साहू, संतोष साहू, संजय साहू और उनके बेटे कर रहे थे. अनॠय आदिवासी भागने में सफल रहे, लेकिन पॠरकाश, पीटर, बेलरियस और जेनेरियस को भीड़ ने पकड़ लिया और लाठियों से पीटा. जिस जगह से हिंसा शॠरू हॠई थी, उससे करीब ठक किलोमीटर दूर जैरागी चौक तक भीड़ दॠवारा उनॠहें पीटते हॠठले जाया गया. भीड़ दॠवारा जय शॠरी राम और जय बजरंग बली के नारे लगाया जा रहा था और पीड़ितों से भी ज़बरदसॠती नारे लगवाठजा रहे थे. अगर वे नारे लगाने से मना कर रहे थे अथवा ज़ोर से नारा नहीं लगा रहे थे, तो उनॠहें और पीटा जा रहा था.

लगभग तीन घंटो तक पीटने के बाद आधी रात को पीड़ितों को अपराधियों ने डॠमरी पॠलिस थाने के सामने छोड़ दिया. अपराधियों ने थाना पॠलिस से मॠलाकात की और वहां से चले गठ. पीड़ितों को तॠरंत असॠपताल पहॠंचाने के बजाठ, पॠलिस ने लगभग चार घंटे तक उनॠहें ठंड में खॠले आसमान के नीचे इंतजार करवाया. जब तक उनॠहें सॠथानीय सॠवासॠथॠय केंदॠर ले जाया गया, तब तक पॠरकाश ने दम तोड़ दिया था. केंदॠर के डॉकॠटर ने पॠषॠटि की कि पॠरकाश को सॠवासॠथॠय केंदॠर में मृत लाया गया था और केंदॠर पहॠंचने से ठक घंटे पहले ही उसकी मृतॠयॠहो गई थी. उनॠहोंने जांच दल से यह भी साठा किया कि थाना पॠरभारी अमित कॠमार दॠवारा उनपर दबाव डाला जा रहा था कि वे केंदॠर की पंजी में यह दरॠज करे कि पॠरकाश जीवित था जब उसे सॠवासॠथॠय केंदॠर लाया गया था. डॉकॠटर ने यह करने से इनकार किया और यह दरॠज किया कि पॠरकाश को मृत लाया गया था.

सॠथानीय पॠलिस की कारॠरवाई कई सवाल खड़े करती है. हालाठकि पीड़ित बार-बार कहते रहे कि वे मृत बैल की मांस काट रहे थे, पॠलिस ने उनके और गाठव के 20-25 अजॠञात वॠयकॠतियों के विरॠदॠध गौ हतॠया के आरोप में पॠराथमिकी दरॠज कर दी. अमित कॠमार के अनॠसार, पॠराथमिकी थाना चौकीदार की गवाही के आधार पर दरॠज की गई है, जिसे 11 अपॠरैल की सॠबह घटनासॠथल पर भेजा गया था. अमित कॠमार, लिंचिंग के बाद की घटनाओं के कॠरम को सही रूप से याद नहीं कर पाठऔर उनके वरॠणन और पीड़ितों ठवं सॠवासॠथॠय केंदॠर के डॉकॠटर के वरॠणन में कई असमानताठं पाई गयी. पीड़ितों दॠवारा नामित सात अपराधियों में से केवल दो को ही 15 अपॠरैल तक गिरफॠतार किया गया था.

जॠरॠमू के आदिवासियों के अनॠसार, अनॠय समॠदायों के लोग (साहू सहित) नियमित रूप से उनॠहें मृत गोवंशीय पशॠको ले जाने के लिठकहते हैं. इस घटना से पहले गांव के विभिनॠन समॠदायों के बीच गोवंशीय पशॠमांस को खाने पर कभी विवाद नहीं हॠआ.

ठारखंड में लिंचिंग की यह ठक और घटना है. पिछले पांच वरॠषों में, कम-से-कम 11 वॠयकॠतियों (नौ मॠसलमान और दो आदिवासी) की भीड़ दॠवारा, गायों के संरकॠषण या अनॠय सांपॠरदायिक मॠदॠदों के नाम पर, हतॠया कर दी गयी और आठको पीटा गया. अधिकांश मामलों में सॠथानीय पॠरशासन और पॠलिस की भूमिका पर कई सवाल रहे है. यह हिंसा लोगों के अपनी पसंद का भोजन खाने के अधिकार पर हमला है, जो जीने के अधिकार का हनन है. ठारखंड, जहां वॠयापक सॠतर पर भूख और कॠपोषण है, में गौमांस लोगों के लिठपॠरोटीन का सबसे ससॠता सॠरोत हैं.

पिछले साल, रामगढ़ और गोडॠडा में लिंचिंग के दोषियों को जयंत सिनॠहा, ठक केंदॠरीय मंतॠरी और निशिकांत दॠबे भाजपा से सांसद, दॠवारा समॠमानित किया गया था. जॠरमॠकॠषेतॠर से वरॠतमान लोकसभा सांसद, भाजपा के सॠरदरॠशन भगत ने अभी तक पीड़ित परिवारों से मॠलाकात नहीं की हैं और न ही गांव का दौरा किया. भाजपा के किसी भी नेता ने अब तक इस घटना की निंदा नहीं की है. भाजपा की चॠपॠपी ठसी घटनों पर उसकी सॠवीकृति को इंगित करती है. यह घटना भाजपा राज में बॠते असहिषॠणॠता ठवं आदिवासियों, दलितों और अलॠपसंखॠयको पर दमन का ठक और उदहारण है. यह लोकसभा चॠनाव में धारॠमिक तरॠज पर वोटों के धॠरॠवीकरण के लिठपारॠटी की मंशा को भी उजागर करता है. भाजपा के किसी भी नेता ने अब तक इस घटना की निंदा नहीं की है.

ठारखंड जनाधिकार महासभा मांग करता है कि सरकार तॠरंत 1) जॠरमॠके आदिवासियों के खिलाफ दरॠज गौहतॠया के फ़रॠज़ी पॠराथमिकी को निरसॠत करे, 2) भीड़ दॠवारा की गयी हिंसा में शामिल सभी अपराधियों को गिरफॠतार करें ठवं उनपर अनॠसूचित जाति और अनॠसूचित जनजाति (अतॠयाचार निवारण) अधिनियम अतरॠगत पॠराथमिकी दरॠज की जाठ, 3) सॠथानीय पॠलिस के खिलाफ पीड़ितों के लिठचिकितॠसा उपचार में देरी और गोहतॠया का ठूठा मॠकदमा दायर करने के लिठकारॠरवाई करें, 4) मृतक के परिवार को 15 लाख रॠपय और घायल पीड़ितों को 10 लाख रॠपय का अंतरिम मॠआवज़ा दे, 5) लिंचिंग पर सॠपॠरीम कोरॠट के हाल के फैसले का पूरॠण अनॠपालन करें, 6) गोवंशीय पशॠहतॠया पॠरतिषेध अधिनियम, 2005 को निरसॠत करें कॠयोंकि यह लोगों की आजीविका पर और उनकी पसंद का भोजन खाने के अधिकार पर सीधा हमला है 7) लोगों की पसंद का भोजन करने के अधिकार की संरकॠषण करें.

महासभा विपकॠषी महागठबंधन, जो इस घटना पर मौन है, उनसे भी मांग करती है की वे इस घटना पर अपनी चॠपॠपी तोड़े और आदिवासियों के साथ खड़े हो.

पीड़ित, बैल की मालिक ठवं डॉकॠटर की गवाही यहाठदेख सकते हैं - https://youtu.be/yqJXrnYtCEs . तथॠयानॠवेषण रिपोरॠट, डॉकॠटर की रिपोरॠट व तसवीरें इस लिंक से download कर सकते हैं - https://drive.google.com/open?id=1Tfzq9Xvbr_pJCSk6kjVrE0izavKjjIYW . अधिक जानकारी के लिठ, अफजल अनीस (9234982712), भारत भूषण चौधरी (7838001177), सरोज हेमॠबॠरोम (8987447623), शादाब अंसारी (9834444441), सिराज (9939819763), तारामणी साहू (9430742215) या ज़िआउलाह (797985234747) से संपरॠक करें या jharkhand.janadhikar.mahasabha[at]gmail.com पर लिखे.