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India: Photos from the Bhoomi Adhikar Andolan rally in Delhi, with peasants and rural workers on 24 February 2016

24 February 2016

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The Bhoomi Adhikar Andolan held a rally, chiefly of peasants and workers, at Jantar Mantar, Delhi, on 24 February 2016. Photos posted below are by Mukul Dube

[Text of the announcement regarding the rally]

February 24 : Rally and Public Meeting of farmers, workers, fisher folks, adivasis and project affected people | Jantar Mantar | from 10am

किसानों, मजदूरों, मछॠवारों, आदिवासियों की महारैली

(24 फ़रवरी 2016, जंतर मंतर, नई दिलॠली)

Dear Friends,

Subsequent government policies have for long ignored the demands of its most poor and marginalised sections. The attempts at diluting the Land Acquisition Act, 2013 was met with huge resistance and struggle faced by the government from all sections of people; farmers, fishworkers, dalits and adivasis and landless groups came together across the country to resist the draconian clauses on doing away with social impact assessment and consent from affected people. Massive rallies in Delhi and everywhere else in the country made the government go back on its ‘urgent need’ for more acquisition and passed the buck to the states to design laws to facilitate land grabbing and plundering of natural resources. The struggle has brought trade unions, farmer unions and social movements closer in highlighting the failure of the government to ensure constitutionally-protected rights of adivasis and other forest dwelling communities.

The attempts to dilute the progressive Forest Rights Act, 2006 are also ongoing and the role of central and state governments in ignoring the provisions of the law points to the complete disregard for laws and constitutional processes. In Chhattisgarh, the state government has gone so far as cancelling community rights of adivasis to favour mining in declared No-Go areas, even though Gram Sabha resolutions in 20 villages have vehemently opposed mining. The ignoring of environment laws to focus on development also needs a special mention.

It is an attack on all fronts. On one hand, whistleblowers, human rights defenders, journalists and activists across the country are targeted, beaten up and portrayed as ‘anti-national’ elements and defaulting corporations are given tax exemptions in the tunes of thousands of crores. Bhumi Adhikar Andolan condemns and demands immediate action on the recent attack on Soni Sori in Bastar, targeting of students in JNU, high handedness of the police and administration in collusion with goons, and the hate politics propagated throughout the country.

On 24th February, 2016 (Wednesday) a massive rally of farmers, workers and various movements is being organized at Jantar Mantar, where thousands of farmers, workers, fisher folks, adivasis and project affected people from ten states will be converging on Feb 24th to protest against these issues.

Last year, the Bhumi Adhikar Andolan (Land Rights Movement) which is an umbrella network for many farmer unions, trade unions, social movements and other intellectual individuals and groups had come together for a massive rally at Jantar Mantar. The media had picked it up and the subsequent pressure had made the government go back on its amendments to the Land Acquisition Act, 2013.

Do read more with these links

http://www.sacw.net/article10707.html

http://napm-india.org/content/chalo-dilli-24th-february-stop-loot-natural-resources-corporates-land-mafia-and-builders

https://in.news.yahoo.com/the-questions-we-should-be-asking-frequently-about-the-land-acquisition-act-060820434.html

Pls also see event page - https://www.facebook.com/events/1779859465577490/

भूमि अधिकार आनॠदोलन

साथियो

जिंदाबाद!!

यह समय पूरी दॠनिया में और हमारे देश में ‘लोगों की बेदखली से पूंजी संचय’ की कोशिशों के विरोध में ठकजॠटता से साथ आने का है. आजीविका के संसाधनों से बेदखली करने के लिठइस मौजूदा सरकार ने भूमि-अधिगॠरहण कानून को ठकतरफा पूंजीपतियों/कारॠपोरेटॠस के पकॠष में बनाने के लिठअधॠयादेश के ज़रिये ठक कोशिश की थी. जिसका सशकॠत और पॠरभावशाली विरोध करने के लिठदेशभर के किसान व मजदूर संगठनों व जन आनॠदोलनों ने सशकॠत विरोध किया. इसी कॠरम में ‘भूमि अधिकार आनॠदोलन’ का गठन हॠआ और बीते 20 महीनों में निरंतरता और आपसी समनॠवय से आनॠदोलन की धार को बनाठरखा और अनेक सफलायें हासिल हॠईं. सरकार को तीन- तीन बार जारी किये गठअधॠयादेशों को वापिस लेना पड़ा. विपकॠष पर भी आनॠदोलनों का पॠरभाव हॠआ और राजॠय सभा में इस बिल को पास नहीं होने दिया गया. बीच का रासॠता देखते हॠठसरकार ने लोकसभा में पारित संशोधित बिल को संसद की समिति के पास अनॠशंसा के लिठभेजा. इसमें में भूमि अधिकार आंदोलन की ओर से आपतॠतियां व सॠठाव पॠरसॠतॠत किये गठ. संसदीय समिति के सदसॠयों से संवाद हॠठ. अनॠतत: यह बिल अभी ठणॠडे बसॠते में डाल दिया गया. लेकिन सरकार की मंशा फिर से इस बिल को लाने की है.

इस कानून विशेष के खिलाफ निरंतर विरोध के समानांतर भूमि अधिकार आंदोलन ने विभिनॠन राजॠयों में राजॠय सरकारों दॠवारा किये जा रहे जबरन भूमि अधिगॠरहण का विरोध किया और राजॠयों के सॠतर पर भी ठक समनॠवित साठा पॠरयासों को मजबूत किया.

भूमि अधॠयादेश का पहली बार बार पॠरजोर विरोध 24 फरवरी 2015 को संसद मारॠग पर हॠआ और यह सिलसिला 2 अपॠरैल 2015 विपकॠष में बैठे राजनैतिक दलों के साथ इस मॠदॠदे पर संवाद के साथ 5 मई 2015 को फिर से जंतर-मंतर की रैली से होते हॠठ23 जॠलाई को संसदीय समिति के सदसॠयों के समकॠष जन सॠनवाई तक चला. इसके साथ साथ विभिनॠन राजॠयों में चल रहे संघरॠषों के साथ ठकता और समनॠवय सॠथापित करने के पॠरयास हॠठजिसकी परिणति 19-20 नवमॠबर 2015 को दो दिवसीय समॠमलेन में हॠई जिसमें 20 से ज़ॠयादा राजॠयों के संघरॠषरत जनसंगठनों व जन आनॠदोलनों ने शिरकत की. इसी समॠमलेन में यह तय हॠआ कि भूमि अधिगॠरहण अधॠयादेश के खिलाफत के ठक साल पूरे होने पर पॠन: उसी दिन संसद मारॠग पर ठक विशाल पॠरदरॠशन किया जाठ. कॠयोंकि यह सरकार फिर से उस बिल को लाने की कोशिश करेगी. इस लिहाज़ से यह ठक चेतावनी रैली होगी.

साथियो, इस ठक साल में देश में ठसा बहॠत कॠछ घटित हॠआ है जो हमारे सामजिक जनतंतॠर और जनतांतॠरिक वॠयवसॠथा के लिठबहॠत घातक है. यह सरकार खॠले तौर पॠराकृतिक संसाधनों की लूट के साथ साथ हिनॠदू बहॠसंखॠयकवाद और उसमें भी सवरॠण बरॠचसॠव को बॠावा देते हॠठसमाज के अनॠय तबकों के साथ अतॠयाचार कर रही है. देश में ठक ठसा महौल बनाया जा रहा है जिसमें लोगों की तारॠकिक ढंग से बोलने, लिखने, पॠने और सोचने तक पर पाबंदियां लगायीं जा रहीं हैं. हर मोरॠचे पर विफल रही यह सरकार आने वाले समय में और भी कॠरूर रॠख अपनायेगी, हमें इसमें संदेह नहीं होना चाहिठ. इसीलिठभी जहां से इस सरकार की पहली बड़ी हार हॠई थी यानी भूमि अधिगॠरहण अधॠयादेश की वापिसी से, हमें फिर से पूरी ताक़त से उसी पर धॠयान केनॠदॠरित करते हॠठइस सरकार की कारॠपोरेटॠस व सवरॠण परसॠती की नीतियों व मंशाओं को धवसॠत करना है. अत: आप सभी से अनॠरोध है कि 24 फरवरी को अपने अपने संगठनों के ज़ॠयादा से ज़ॠयादा साथियों को लेकर संसद मारॠग पर पहॠंचें.

भूमि अधिकार आनॠदोलन आप सभी से इस विशाल पॠरदरॠशन में शामिल होने और पॠरतिरोध के इस सॠवर को बॠलंद करने का आवॠहान करता है.

इस पतॠर के साथ ठक परॠचा संलगॠन है. इस परॠचे की विषय-वासॠतॠको आप अपने अपने कॠषेतॠर और मॠदॠदों के अनॠसार संशोधन करके या अपना नया परॠचा तैयार करके लोगों के बीच पहॠंचाठं ताकि जॠयादा से जॠयादा संखॠया में समॠदाय के लोग, किसान और मजदूर साथी दिलॠली पहॠंचें.

कॠरांतिकारी अभिवादन के साथ,