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पॠरोफेसर ठम. ठम. कलबॠरॠगी की हतॠया के विरोध में : पीपलॠस अलायनॠस फॉर डेमोकॠरैसी ठणॠड सेकॠयूलरिज़ॠम का वकॠतवॠय

3 September 2015

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पॠरोफेसर ठम. ठम. कलबॠरॠगी की हतॠया के विरोध में

पीपलॠस अलायनॠस फॉर डेमोकॠरैसी ठणॠड सेकॠयूलरिज़ॠम का वकॠतवॠय

2 सितमॠबर 2015

30 अगसॠत [2015] को सामॠपॠरदायिकता और अंधशॠरदॠधा के ख़िलाफ़ ठक मॠखर आवाज़ को हमेशा के लिये शांत कर दिया गया. धारवाड़ में कनॠनड़ भाषा के विदॠवान और जनपॠरिय लेखक, सतहतॠतर वरॠषीय पॠरोफेसर ठम. ठम. कलबॠरॠगी के घर में जा कर हतॠयारों ने उनको गोलियों से मौत के घाट उतार दिया. पॠरोफेसर कलबॠरॠगी उदयकालीन कनॠनड़ भाषा के वचना साहितॠय और उतॠतर करॠणाटक में आदिलशाही के दिनों में रचे गये साहितॠय की खोजबीन में सकॠरिय थे. कई विदॠयारॠथियों और विदॠवानों के लिठपॠरोफेसर कलबॠरॠगी जॠञान का सॠरोत थे. विदॠयारॠथियों के लिठउनके दरवाज़े हमेशा खॠले रहते थे, जिसका फ़ायदा हतॠयारों ने उठाया. अपने आप को विदॠयारॠथी बताते हॠठवे उनके घर में घॠस गये और अपने नापाक इरादे को अंजाम दिया. पॠरोफेसर धारॠमिक अंधशॠरदॠधा के तीवॠर आलोचक थे; सॠवयं उनकी लिंगायत जाति भी उनके तरॠकपूरॠण और मॠकॠत विचारों को बरदाशॠत नहीं कर पाई थी और उनॠहें अपनी ही जाति के कटॠटरपंथियों के कोप का शिकार बनना पड़ा था. उनको कई बार धमकियाठमिली थीं और पॠलिस की सॠरकॠषा भी दी गई थी जो उनकी हतॠया के कॠछ ही दिनों पहले वापस ली गई थी.

करॠणाटक के साहितॠयिक और बौदॠधिक वरॠग को पॠरोफेसर की निरॠमम हतॠया ने ठक ज़बरदसॠत ठटका दिया. बेंगालूरॠऔर धारवाड़ में पॠरोफेसर कलबॠरॠगी की हतॠया के विरोध में कई पॠरदरॠशन हॠठ, जिसमें आम नागरिक भी शामिल हॠठ. लेकिन बजरंग दल के ठक हिनॠदूतॠववादी ने हतॠया का सरेआम सॠवागत किया इतना ही नहीं, ठक और रॅशनालिसॠट पॠरोफेसर के. ठस. भगवान को भी चेतावनी दी कि उनका हाल भी यही होगा.

2013 के अगसॠत में पॠणे में डा. नरेनॠदॠर दाभोलकर की हतॠया हॠई और इस साल फरवरी में कोलॠहापॠर में कामगार नेता गोविंद पानसरे को मार दिया गया. दोनों अडिग तरॠकवादी थे जिनॠहोंने अंधशॠरदॠधा के ख़िलाफ़ अपनी मॠहीम को कभी मंद होने नहीं दिया. रॅशनालिसॠटों की हतॠया के सिलसिले में पॠरोफेसर कलबॠरॠगी तीसरे हैं जिनॠहें केवल अपने विचारों के कारण मौत का शिकार बनाया गया है.

इन तीन पॠरमॠख पॠरतिभाशाली रॅशनालिसॠटों की हतॠया हमें बांगॠलादेश के उन चार निरॠभीक बॠलॉगरों, वसीकॠर रहमान बाबू, अभिजित रोय, अनंत बिजॉय दास और नीलॉय चटरॠजी की याद दिलाती है, जो अपने रॅशनालिसॠट विचारों के कारण कटॠटरपंथियों की आठखों में चॠभते थे. आज दकॠषिण ठशिया में लोकतांतॠरिक मूलॠयों में विशॠवास रखने वाले हर किसी की जान पर कटॠटरपंथियों का ख़तरा मंडरा रहा है और आपराधिक नॠयाय की सॠथापित संसॠथाठं इस ख़तरे का मॠक़ाबला करने में नाकाम रही हैं.

रॅशनालिसॠट और धरॠमनिरपेकॠष विदॠवानों और कारॠयकरॠताओं की हतॠया का यह सिलसिला लोकतंतॠर और धरॠमनिरपेकॠषता के लिठगंभीर सवाल खड़े कर रहा है. सबसे पॠरमॠख बात यह है कि इन हतॠयाओं को रोकने में और अपराधियों को पकड़ने में राजॠय की असफलता से हतॠयाओं की साज़िश रचने वाले और उनके हतॠयारे आशॠवसॠत हो जाते हैं कि उनॠहें कॠछ होने वाला नहीं है. कॠया यह असफलता पॠरमाणों के अभाव का परिणाम है या राजनीतिक वॠयवसॠथा के अपराधीकरण और सांपॠरदायिक पूरॠवागॠरहों के फैलने का परिणाम है? भारत की आपराधिक नॠयाय संसॠथाठं लोगों को धरॠमांध ततॠतॠवों से बचाने में लगातार असफल रही हैं. मॠसॠलिम कटॠटरपंथियों ने तसलिमा नसरीन और शिरीन दलवी का जीना नामॠमकिन कर दिया है तो ईसाइयत के ठेकेदारों के आतंक से बचने के लिठरॅशनालिसॠट सनल ठडमारॠकॠको विदेश में बसने के लिठमजबूर होना पड़ा है.

सांपॠरदायिक नज़रिये से किये गये अपराधों की भी अनदेखी होती रही है. पिछले ठक दशक में मॠसलमानों की आबादी वाले रिहाइशी इलाक़ों में जब भी बम धमाके होते हैं तब पॠलिस पहले तो मॠसलमान यॠवकों को पकड़ लेती है. बाद में हेमनॠत करकरे जैसे संनिषॠठपॠलिस अफसर के अथक परिशॠरम से यह ज़ाहिर हॠआ कि हिनॠदूतॠववादी कटॠटरपंथी गॠटों का ठसे कारनामों में हाथ था. हाल ही में मालेगाठव बॠलासॠट केस की पबॠलिक पॠरोसीकॠयूटर सॠशॠरी रोहिणी सलियान ने सारॠवजनिक रूप से कहा है कि नॅशनॠल इनॠवेसॠटेगेशन ठजेनॠसी आरोपियों के विरॠदॠध राजॠय के दॠवारा फाइल किये गये मॠकदॠदमे को जानबॠठकर कमज़ोर बनाने का उन पर दबाव डालती है. कॠया यह कोई अकसॠमात ही है कि गॠपॠतचर ठजेनॠसियाठऔर पॠलिस के पास कॠछेक अंतिमवादी संगठनों के ख़िलाफ़ सच में कोई सबूत नहीं है?

यह उलॠलेखनीय है कि पशॠचिमी महाराषॠटॠर और उससे लगने वाला करॠणाटक राजॠय का ठरिया भौगोलिक रूप से ठक इकाई बनाता है. ये तीन गणमानॠय रॅशनालिसॠटों की हतॠयाठं इसी कॠषेतॠर में भरेपूरे शहरों में हॠई हैं. तीनों को जानेपहचाने गॠरॠपों की ओर से धमकियाठमिली थीं. पॠलिस उनको अपराध से पहले पकड़ॠने में असमरॠथ रही यह न केवल पॠलिस के पेशे की दृषॠटि से शरॠमनाक़ है, बलॠकि ठसा ठसा दिन-ब-दिन लगने लगा है कि असमरॠथता भी सोचसमठकर ओॠी हॠई है.

डा. दाभोलकर की हतॠया के बाद उनके बनाठहॠठअंधशॠरदॠधा विरोधी विधेयक पर से ठक दशक की धूल ठाड़कर महाराषॠटॠर की कोंगॠरेस सरकार ने आननफानन में विधानसभा के सामने पेश कर दिया. अब करॠणाटक में भी कोंगॠरेस सरकार ने पॠरोफेसर कलबॠरॠगी के अंतिम संसॠकार के समय उनॠहें संपूरॠण राजकीय समॠमान दिया. ज़ाहिर है, कि आज देश के सवसे बड़े विपकॠषी दल की जदॠदोजिहद कोई घटना के बाद अपने सीने पर आप ही धरॠम निरपेकॠषता का तमग़ा लगाने की है. लेकिन, धरॠम निरपेकॠषता और पॠरजातंतॠर के संबंध में कोई सैदॠधांतिक रूख़ अपनाने की उसकी नीयत नहीं दीखती और ये उसके बस की बात भी नहीं है. इधर, आम आदमी पारॠटी भी हर रंग के धारॠमिक नेताओं और गॠटों के साथ गलबहियाठकरती नज़र आई है. हाल ही में दिलॠली में औरंगज़ेब रोड का नाम बदलने के मॠदॠदे पर उसने हिनॠदूतॠववादियों का समरॠथन किया है. भारतीय कमॠयॠनिसॠट पारॠटी (मारॠकॠसवादॠदी) ने कोलकात में मॠसॠलिम कटॠटरपंथियों के उधामों के बाद तसलिमा नसरीन को कोलकाता छोड़ने के लिठमजबूर किया था. ये पारॠटियों को सांपॠरदायिक तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उनकी धरॠम निरपेकॠषता अवसरवादी है और कटॠटरपंथियों की अलोकतांतॠरिक माठगों के आगे बिछ जाने में इनको हिचकिचाहट नहीं होती. भारत की सॠथापित राजनीतिक पारॠटियाठलोकतंतॠर और धरॠम निरपेकॠषता के उपर मंडराते खतरों के सामने सकॠरियता से खड़ी रहे ठसे आसार नज़र नहीं आते. आज यह ज़रूरी बन गया है कि लोकतांतॠरिक और धरॠमनिरपेकॠष ताक़तें इकठॠठा हो और यह संदेश फैलाये कि बगैर धरॠम निरपेकॠषता पॠरजातंतॠर नामॠमकिन है.

पॠरोफेसर कलबॠरॠगी ने पिछले वरॠष सॠपॠरसिदॠध लेखक और चिंतक यू.आर. अनंतमूरॠति के पूरॠतिपूजा संबंधी विचारों का समरॠथन किया था. इस कारण कइयों ने दावा किया कि उनकी “धरॠमभावना को ठेस पहॠठची†. इस पर से पॠरोफेसर के ख़िलाफ़ ठफ. आई. आर दायर की गई थी. अब मीडिया ने यह कहना शॠरॠकिया है कि अंधशॠरदॠधा के विरॠदॠध संघरॠष चला के उनॠहोने विवाद को निमंतॠरण दिया था. आज तरॠक, संवाद और मॠकॠत विचार के समरॠथक बौदॠधिक जन और हिंसा के हिमायती धारॠमिक कटॠटरपंथियों को ठक ही तराजू पर तोलने की कोशिशें भी की जा रही हैं और दलील दी जाती है कि हतॠया करना तो ठीक नहीं है लेकिन “धरॠमभावनाओं को ठेस पहॠंचाना†भी ठीक नहीं है.

ठसी दलीलों की हम भरॠतॠसना करते हैं. समाज और इतिहास की सोचसमठके साथ ठाठच; और मानॠयताओं के बारे में सवाल खड़े करना और सांसॠकृतिक विविधता का सॠवीकार करना पॠरजातंतॠर के लिठअनिवारॠय है. पॠरतॠयेक नागरिक की नैतिक सॠवायतॠतता ही आधॠनिक लोकतंतॠर का आधार है. हम जब पॠरशॠन पूछते हैं, नया जॠञान पॠरापॠत करते हैं और आधारहीन मानॠयताओं को चॠनौती देते हैं तभी अपनी सॠवायतॠतता को ठोस रूप दे सकते हैं. जब लोग भय अथवा लालच से अंधशॠरदॠधा की राह पर चलते हैं तब अपनी सॠवतंतॠरता खो देते हैं. धारॠमिक कटॠटरपंथियों को चाहिठअंध अनॠयायी, जो उनके घृणा और हिंसा के ठजेणॠडे पर चलने को तैयार हो.

ठक ओर से, दाभोलकर, पानसरे और कलबॠरॠगी जैसे लोगों के बिना लोकतंतॠर का असॠतितॠव संभव नहीं है, तो दूसरी ओर, सांपॠरदायिक और धरॠमांध लोग लोकतंतॠर के दॠशॠमन हैं. इन दोनों को ठक ही तराजू पर तौलना ग़लत दिशा में ले जाठगा. बहॠत ही पॠराथमिक सॠतर की नैतिकता में भी ज़बानी व तारॠकिक आलोचना और हिंसक वॠयवहार के बीच अंतर है. इन दो में से पसंद करना आवशॠयक है और समाज में बड़ी तादाद में लोग दूसरे विकलॠप की जगह पहले विकलॠप का चॠनाव करे तभी समाज लोकतांतॠरिक बन पाठगा.

पीपलॠस अलायनॠस फॉर डेमोकैसी ठणॠड सेलॠयूलरिज़ॠम (PADS) पॠरो. कलबॠरॠगी को शॠरदॠधांजलि अरॠपित करता है और उनकी पतॠनी, संतानें और उनकी हतॠया के विरोध में आवाज़ उठाने वाले करॠणाटक के नागरिकों के पॠरति अपनी ठकजॠटता पॠरदरॠशित करता है.

हम माठग करते हैं कि

1. पॠलिस अपना धरॠम निभाठऔर नरेनॠदॠर दाभोलकर, गोविंद पानसरे और ठम. ठम. कलबॠरॠगी के हतॠयारों को शीघॠर नॠयाय के आसन समकॠष हाज़िर करे. इन हतॠयाओं का षड़ॠयंतॠर बनाने वाले शख़ॠस और उनके संगठनों को ढूठढ निकाले और क़ानून के अनॠसार उनको उचित नसीहत दिलाये.
2. “धरॠम भावना आहत होने†संबंधी क़ानून रदॠद करने चाहिठ. अग़र कोई किसी की धरॠमभावनाओं को जान बॠठकर ठेस पहॠठचाता है अथवा किसी कौम को शाबॠदिक या लिखित रूप में धमकी देता है तो घृणा फैलाने वाले वकॠतवॠयों संबधित क़ानून का पॠरयोग किया जाठ.
3. हम शिकॠषकों और यूनिवरॠसिटियों के करॠमचारी यूनियनों, मीडियाकरॠमियों और लेखक संघों से भी अपील करते हैं कि वे आगे आये और शिकॠषकों, मीडियाकरॠमियों और साहितॠयिक कॠषेतॠर के कारॠयकरॠताओं के वाणी सॠवातंतॠरॠय की रकॠषा की अपीलों का समरॠथन करे.

हम जनता का धॠयान इस बात के पॠरति भी आकरॠषित करना चाहते हैं कि भारतीय जनता पारॠटी को चॠनाव में सफलता मिलने से हिनॠदूतॠववादी कटॠटरपंथी ताक़तें मजबूत हॠई हैं. वे लोग अब धड़लॠले से सरेआम न केवल धारॠमिक अलॠपसंखॠयकों पर बलॠकि लोकतांतॠरिक और धरॠम निरपेकॠष लोगों पर भी हमला करते हैं. लोकतांतॠरिक और धरॠम निरपेकॠष शकॠतियों को चाहिठकि वे दॠगने जोश के साथ इन कटॠटरपंथियों के ख़िलाफ़ जनमत तैयार करने के पॠरयास करे और लंबे और कड़े संघरॠष के बाद संविधान में अंकित सॠवतंतॠरताओं को बचाने के पॠरयासों में जॠट जाठ.

पॠरोफेसर ठम. ठम. कलबॠरॠगी की हतॠया के विरोध में : पीपलॠस अलायनॠस फॉर डेमोकॠरैसी ठणॠड सेकॠयूलरिज़ॠम का वकॠतवॠय [PDF]